Not known Facts About bhairav kavach

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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं में सर्वतो गिरा

दुर्भिक्षे राजपीडायां ग्रामे वा वैरिमध्यके ।

గమనిక: మా రెండు పుస్తకాలు - "నవగ్రహ స్తోత్రనిధి" మరియు "శ్రీ సూర్య స్తోత్రనిధి", విడుదల చేశాము.

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।



किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।

कूर्चद्वन्द्वं महाकाल प्रसीदेति पदद्वयम् ।

बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः

इति श्री काल भैरव more info ब्रह्म कवच प्राकीर्थितम

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । 

आसिताङ्गः शिरः पातु ललाटं रुरुभैरवः ॥ १६॥

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